The best Side of Shodashi
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क्षीरोदन्वत्सुकन्या करिवरविनुता नित्यपुष्टाक्ष गेहा ।
साहित्याम्भोजभृङ्गी कविकुलविनुता सात्त्विकीं वाग्विभूतिं
हस्ते पङ्केरुहाभे सरससरसिजं बिभ्रती लोकमाता
Saadi mantras tend to be more available, employed for standard worship and also to invoke the presence from the deity in daily life.
ह्रीं ह स क ल ह्रीं ह स क ह ल ह्रीं स क ल ह्रीं
चतुराज्ञाकोशभूतां नौमि श्रीत्रिपुरामहम् ॥१२॥
ഓം ശ്രീം ഹ്രീം ക്ലീം ഐം സൗ: ഓം ഹ്രീം ശ്രീം ക എ ഐ ല ഹ്രീം ഹ സ ക ഹ ല ഹ്രീം സ ക ല ഹ്രീം സൗ: ഐം ക്ലീം ഹ്രീം ശ്രീം
For anyone nearing the pinnacle of spiritual realization, the ultimate phase is referred to as a state of comprehensive unity with Shiva. In this article, individual consciousness dissolves into the common, transcending all dualities and distinctions, marking the fruits of your spiritual odyssey.
भगवान् शिव ने कहा — ‘कार्तिकेय। तुमने एक अत्यन्त रहस्य का प्रश्न पूछा है और मैं प्रेम वश तुम्हें यह अवश्य ही बताऊंगा। जो सत् रज एवं तम, भूत-प्रेत, मनुष्य, प्राणी हैं, वे सब इस प्रकृति से उत्पन्न हुए हैं। वही पराशक्ति “महात्रिपुर सुन्दरी” है, वही सारे चराचर संसार click here को उत्पन्न करती है, पालती है और नाश करती है, वही शक्ति इच्छा ज्ञान, क्रिया शक्ति और ब्रह्मा, विष्णु, शिव रूप वाली है, वही त्रिशक्ति के रूप में सृष्टि, स्थिति और विनाशिनी है, ब्रह्मा रूप में वह इस चराचर जगत की सृष्टि करती है।
हस्ते पाश-गदादि-शस्त्र-निचयं दीप्तं वहन्तीभिः
करोड़ों सूर्य ग्रहण तुल्य फलदायक अर्धोदय योग क्या है ?
वाह्याद्याभिरुपाश्रितं च दशभिर्मुद्राभिरुद्भासितम् ।
यहां पढ़ें त्रिपुरसुन्दरी हृदय स्तोत्र संस्कृत में
स्थेमानं प्रापयन्ती निजगुणविभवैः सर्वथा व्याप्य विश्वम् ।